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आदरणीय सत्य साधक इमाम अल-ग़ज़ाली (शाकाहारी): इस्लामी आस्था का पुनःनवीकरणकर्ता, 2 भागों का भाग 1

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"यह मेरे लिए पहले से ही स्पष्ट हो गया था कि मुझे ईश्वर से डरने वाले जीवन और व्यर्थ इच्छा से खुद को अलग रखने के अलावा दुनिया के आने वाले आनंद की कोई उम्मीद नहीं थी।" ~ इमाम अल-ग़ज़ाली (शाकाहारी)